Biography of Lata Mangeshkar in hindi

देश की 5 सबसे बड़ी वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां |

हमारे देश में दुनिया भर की लगभग 60% से भी अधिक वैक्सीन बनाई जाती हैं और यह वैक्सीन इन पूरी दुनिया में जानी जाती है। अगर पूरी दुनिया में अच्छे से अच्छे डॉक्टरों की बात करें तो ज्यादातर सभी अच्छे डॉक्टरों वैज्ञानिक भारत के ही मिलेंगे। हमारे देश की गिनती Generic Medicines तथा Vaccine के मामले में इस दुनिया के सबसे बड़े निर्माताओं में की जाती है।

हर साल पूरी दुनिया में 8 बिलियन वैक्सीन डोज बनाई जाती हैं, जिनमें से 2 बिलियन वैक्सीन डोज भारत की कंपनी Seram Institute of India के द्वारा ही बनाई जाती हैं। बहुत से लोग यह सोचते हैं कि हमारे देश में ऐसी कौन-कौन सी कंपनियां हैं जो वैक्सीन बनाती हैं आज उन लोगों को अपने सभी सवालों के जवाब मिलने वाले हैं, क्योंकि हम इस पोस्ट के माध्यम से देश की वह सभी कंपनियां बताएंगे जहां पर कोरोना वायरस (Covid-19) की वैक्सीन के साथ-साथ सभी तरह की वैक्सीन बनाई जाती है।

1. सिरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया , पुणे ( Seram Institute of India, Pune )

सिरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया कंपनी जो कि पुणे में स्थित है यह पूरी दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी है। इस कंपनी की शुरुआत साल 1966 में साइरस पूनावाला ने की थी इस व्यक्ति को भारत के Vaccine King के नाम से भी जाना जाता है। इस कंपनी के द्वारा जितनी भी वैक्सीन बनाई जाती है यह पूरी दुनिया में लगभग 165 देशों में भेजी जाती हैं। इस कंपनी के पुणे में दो प्लांट है और इस कंपनी का एक प्लांट नीदरलैंड में भी स्थित है जहां पर कुल मिलाकर 7000 लोग कार्य करते हैं।

इस कंपनी में मुख्य तौर पर तो BCG vaccine, Polio vaccine बनाए जाते हैं। इसके अतिरिक्त ऑर्डर मिलने पर यहां दूसरी बीमारियों के टीके भी तैयार किए जाते हैं। सिरम इंस्टीट्यूट के द्वारा केवल दवाइयां ही नहीं बनाई जाती बल्कि दुनिया में जितने भी बड़े-बड़े रिसर्च ( Research ) होते हैं उसमें भी इनका अहम योगदान होता है। आपको पता ही होगा कि साल 2009 में स्वाइन फ्लू ( swine flu ) जब काफी तेजी से फैल रहा था तो उस समय इसी कंपनी के द्वारा नाक से दी जाने वाली दवा तैयार की गई थी ताकि लोगों की जान बचाई जा सकें। फिलहाल इस कंपनी के द्वारा कोरोना वैक्सीन के ऊपर कार्य किया जा रहा है और इन्होंने Oxford University के साथ मिलकर Vaccine तैयार की है जिसका ट्रायल अभी चल रहा है।

2. भारत बायोटेक ( Bharat Biotech )

भारत बायोटेक का नाम भी दुनिया की सबसे बड़ी व्यक्ति निर्माता कंपनियों में आता है। यह कंपनी हैदराबाद में स्थित है इस कंपनी के द्वारा ICMR के साथ मिलकर कोरोना की वैक्सीन भी तैयार की जा रही है इस वैक्सीन का पूरा नाम कोरोफ्लू ( COROFLU ) है इस कंपनी की शुरुआत साल 1996 में हुई थी लेकिन काफी कम समय में इस कंपनी ने काफी बड़ा नाम कमा लिया है। इस कंपनी के द्वारा Zika Virus तथा Chikunguniya के लिए भी वैक्सीन तैयार की जाती है जो कि भारत के अतिरिक्त अन्य देशों में भी भेजी जाती है।

3. इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स लिमिटेड ( Indian Immunologicals Limited )

इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स लिमिटेड कंपनी हैदराबाद में स्थित है और किस कंपनी का नाम भी वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों में सबसे आगे आता है। यह एक सरकारी कंपनी है जिसकी शुरुआत 1982 में की गई थी, इस कंपनी के द्वारा बच्चों के लिए जरूरी टीके जैसे कि खसरा , हेपेटाइटिस , चिकनगुनिया के साथ-साथ अन्य बैक्टीरियल बीमारियों के टीके भी बनाए जाते हैं। इस कंपनी के द्वारा रेबीज ( Rabies ) का टीका भी तैयार किया जाता है जो कि भारत के साथ-साथ अन्य देशों में भी भेजा जाता है। यहां पर इंसानों के साथ साथ पशुओं के लिए भी तरह-तरह की वैक्सीन तैयार की जाती हैं।

4. जायडस कैडिला ( Zydus Cadilla )

जीडस कैडिला कंपनी अहमदाबाद में स्थित है वैसे तो इस कंपनी के द्वारा जेनेरिक ड्रग्स बनाए जाते हैं, मगर वैक्सीन के निर्माण में भी यह कंपनी काफी आगे निकल चुकी है। इस कंपनी की शुरुआत 1952 में फार्मेसी कॉलेज एक लेक्चरर रमन भाई पटेल और उनके एक साथी इंद्रवदन मोदी के द्वारा की गई थी। इस समय इस कंपनी में कोरोना वैक्सीन भी बनाई जा रही है और इस कंपनी की वैक्सीन को ह्यूमन ट्रायल ( human trial ) की इजाजत भी मिल चुकी है इस कंपनी में जो कोरोनावायरस की वैक्सीन बनी है उसका नाम Zycov-D हैं।

5. बायोजन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ( Biogen India Private Limited )

बायोजन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी दिल्ली में स्थित है और इस कंपनी के द्वारा भी कई प्रकार की वैक्सीन तैयार की जाती है। जब कोरोनावायरस की शुरुआत हुई थी तो उस समय यह कंपनी काफी सुर्खियों में आई थी और इस कंपनी के अधिकारियों पर कोरोनावायरस को लेकर लापरवाही का आरोप भी लगा हुआ था। क्योंकि इस कंपनी के अधिकारियों द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जा रहा था उसी के चलते काफी दिनों तक इस कंपनी को बंद भी रखना पड़ा था।

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