Biography of Lata Mangeshkar in hindi

क्रिप्टोकरंसी क्या है और यह कैसे काम करता है l

सबसे पहले आप क्रिप्टोकरेंसी को बारीकी से समझने के लिए करेंसी क्या है इसको जान लीजिये उसके बाद क्रिप्टोकरेंसी को । जब आप दुकान पर घर का सामान खरीदते हैं या सलून में बाल कटवाते हैं या अपने मोबाइल का रिचार्ज करवाते हैं, तो आप इन सब को क्या देते हैं, पैसा, यानी मुद्रा या रुपए, यानी कोई ना कोई वस्तु खरीदते या सेवा लेते समय आप बदले में कुछ ना कुछ देते हैंl

यानी कोई ना कोई मीडियम (माध्यम) होता है, जिस पर लेने वाला और देने वाला दोनों राजी होते हैं तभी वस्तु या सेवा दी या ली जाती है| हाल के समय में सब देशों के पास अपनी अपनी मुद्रा है l अमेरिका के पास ‘डॉलर’ है, भारत के पास ‘रुपया’ है, यूरोप के पास ‘यूरो’ है, जापान के पास ‘येन’ है, रूस के पास ‘रूबल’ है, जिसको करेंसी कहा जाता है| जिसके जरिए वस्तु और सेवा का विनिमय किया जाता है| लेकिन एक समय ऐसा भी था जब मुद्रा नहीं चलती थी|

मुद्रा से पहले क्या था ?

जैसे प्राचीन काल में हड़प्पा सभ्यता में लोग वस्तु विनिमय प्रणाली का प्रयोग करते थे| जिसमें एक वस्तु के बदले दूसरी वस्तु लेते थे, यानी आप मुझे गेहूं दो तो मैं आपको जूते दूंगा| लेकिन धीरे-धीरे इसमें बदलाव हुआ, क्योंकि इस पुरानी व्यवस्था की अपनी कमी थी I जैसे क्या पता किसी को गेहूं की जरूरत हो या ना हो और जिसके पास जूते हो उसको किसी और चीज की जरूरत हो, तो पूरी व्यवस्था के अपने-अपने लाभ और हानि थी|

लेकिन समय के साथ-साथ चीजों को सुधारा गया मुद्रा व्यवस्था आई पहले सिक्के आए l फिर धीरे-धीरे सांकेतिक मुद्रा प्रणाली चलने लगी जैसे 500, 1000 के नोट| और अब हम आज की बात करें तो पिछले 1-2 सालों में हमें Cryptocurrency का नाम काफी ज्यादा सुनने को मिला है । तो अगर आप इस आर्टिकल को पूरा पढ़ लेते हैं तो बहुत ही अच्छे से आप क्रिप्टोकरेंसी के बारे में जान जाएंगे।

क्रिप्टो करेंसी क्या है? (Cryptocurrency Meaning)

कुछ सालों पहले क्रिप्टो करेंसी प्रचलन में आई है जिसकी डिमांड अचानक से बहुत बढ़ गई, और लोगों की चर्चा का विषय बनी| क्रिप्टो करेंसी क्या है चलिए जानते हैं l क्रिप्टो करेंसी दो शब्दों से मिलकर बना है l क्रिप्टो – जिसका मतलब होता है सीक्रेट, यानी छुपा हुआ और करेंसी का मतलब मीडियम होता है l

जिसके माध्यम से कोई वस्तु बेची जाती है या सेवा बेची जाती है क्रिप्टो करेंसी डिजिटल करेंसी है l यानी आप इसे केवल देख सकते हैं, अपने पास रख सकते हैं, लेकिन छू नहीं सकते | अब सवाल उठता है की क्रिप्टो करेंसी जब डिजिटल करेंसी है तो लोग तो इसका कॉपी पेस्ट कर लेंगे, ईमेल से अटैच कर लेंगे, और बहुत सारे लोगों को भेज देंगे और इससे तो बहुत नुकसान हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं है |

क्रिप्टो करेंसी कैसे काम करती है?

क्रिप्टो करेंसी कुछ अलग है, इसमें एक पब्लिक लेजर होता है l यह पब्लिक लेजर कंप्यूटर के अंदर रखा जाता है| इस पब्लिक लेजर में सारी ट्रांजैक्शन होती हैं l जो भी क्रिप्टोकरंसी का लेनदेन होता है, उसका सारा ब्यौरा इसमें लिखा होता है| अब सवाल उठता है, जब यह रिकॉर्ड कंप्यूटर में रखा जाता है तो इससे तो डाटा रखने वाले छेड़छाड़ कर सकते हैं, फिर यह सीक्रेट कैसे हो गया?

यही तो इसकी खासियत है l यह पब्लिक लेजर एक कंप्यूटर में नहीं बल्कि बहुत कंप्यूटरों में रखा होता है और बहुत सारे कंप्यूटर से जुड़ा होता हैं और यह कोई आम कंप्यूटर नहीं होते l यह बहुत पावरफुल कंप्यूटर होते हैं l इनके अंतर्गत जो सॉफ्टवेयर काम करते हैं, वह भी आधुनिक सॉफ्टवेयर हैं, पावरफुल सॉफ्टवेयर हैl  अगर एक कंप्यूटर में गड़बड़ होती है, तो दूसरे सारे कंप्यूटरों से उसका डाटा मिसमैच हो जाएगा और फ्रॉड पकड़ा जाएगा|

क्रिप्टो करेंसी की टेक्नोलॉजी क्या है?

आप जानते हैं क्रिप्टो करेंसी किस टेक्नोलॉजी पर काम करती है ? यह “ब्लॉकचेन” टेक्नोलॉजी पर काम करती है | जिसमें एक ब्लॉक दूसरे ब्लॉक से ऐसे ही जुड़ता चला जाता है l जैसे इंजन से रेल के डिब्बे जुड़ते रहते हैं l ऐसे ही ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी में होता है l यानी बहुत सारे कंप्यूटर जुड़े रहते हैं  इसको पियर 2 पियर नेटवर्क भी बोलते हैं| यानी पर्सन 2 पर्सन नेटवर्क जिसमें कई सारे लोग मिलकर कंप्यूटरों के जरिए सिस्टम को मेंटेन करते हैं l जो भी ट्रांजैक्शन होता है उसका अपडेशन फ्यू (Few) सेकंड में होता है| यानी बहुत तेजी से सिस्टम को मेंटेन किया जाता है|

क्रिप्टो करेंसी में माइनर और माइनिंग क्या है?

माइनर लोग कौन होते है ? माइनर लोग वो हैं जो इस पब्लिक लेजर की रिस्पांसिबिलिटी लेते हैं l उनको माइनर का जाता है|

माइनिंग किसे कहते हैं?

जो प्रोसेस होती है क्रिप्टोकरंसी सिस्टम को मेंटेन करने के लिए उसको माइनिंग कहते हैं l

मतलब इसमें लोग काम नहीं करते, बल्कि एक सिस्टम बना रखा है l पावरफुल सॉफ्टवेयर सिस्टम जो पावरफुल कंप्यूटर द्वारा संचालित होता है|

क्रिप्टो करेंसी में प्राइवेसी कैसे होती है?

चलिए हमने यह तो जान लिया की क्रिप्टो करेंसी क्या है और यह कैसे काम करता है | लेकिन अब बात तो पैसों की है, कि हमारी प्राइवेसी रहेगी कैसे l जैसे हम बैंक में जाते हैं, तो हम अपना पैसा जमा करते हैं, वहां अपना पैसा सुरक्षित तो है |

यहां कैसे सुरक्षित है चलिए जानते हैं l

क्रिप्टोकरंसी में यह नहीं पता चलता की मुकेश अंबानी के पास कितने पैसे हैं या मुकेश अंबानी ने कितने पैसे जमा किए हैं | यह सब कोडेट फॉर्म में होता है | सब कुछ कोड में होता है | यही तो इसकी खासियत है | इसी को क्रिप्टोग्राफी बोलते हैं| इसी वजह से यह बहुत फेमस है |

क्योंकि हम बैंक में जाते तो वहां पैसे जमा करते हैं तो बैंक वालों को या एजेंसी हो सबको पता होता है कि यहां सबसे ज्यादा पैसा किसका है | लेकिन यहां क्रिप्टो करेंसी में नहीं पता चलता, यह पैसा किसका है l सब कुछ कोड में होता है इसीलिए प्राइवेसी मेंटेन होती है, यहां सब चीज कोड में है, जिसको क्रिप्टोग्राफी बोलते हैं|

क्रिप्टो करेंसी की डिमांड क्यों ज्यादा बढ़ रही है ?

क्योंकि एक तो इसमें प्राइवेसी बहुत इंपॉर्टेंट है और दूसरी यह फिक्स्ड है | इसकी डिमांड ज्यादा है क्योंकि जब कोई चीज कम होती है l उसके खरीदार ज्यादा होते हैं तो उसकी वैल्यू ज्यादा बढ़ जाती है|

कुछ महत्वपूर्ण क्रिप्टोकरंसी-

1. Bitcoin (BTC)

2. Ethereum (ETH)

3. Litecoin (LTC)

4. Dogecoin (Doge)

5. Dash (DASH)

6. Peercoin (PPC)

बिटकॉइन क्या है?

अब बिटकॉइन को ही ले लीजिए, यह सबसे महत्वपूर्ण क्रिप्टोकरंसी है|

बिटकॉइन का प्राइस साल 2010 में मात्र ₹20 था l यानी अगर आप 2010 में 1 बिटकॉइन ₹20 का खरीदते तो, 2021 में उसी बिटकॉइन की वैल्यू लगभग 46 लाख रुपये है | अब आप देख लीजिए कितनी तेजी से इसकी डिमांड बढ़ी है|

क्रिप्टो करेंसी कैसे खरीद और बेच  सकते हैं?

क्रिप्टो करेंसी कुछ खास वेबसाइट के जरिए खरीदी जाती है | इसमें हम अलग-अलग मुद्रा के हिसाब से क्रिप्टो करेंसी को खरीद सकते हैं| जैसे बिटकॉइन की बात ले ली जाए l इतने रुपए में एक बिटकॉइन आएगा तो ऑनलाइन हम इसको खरीद सकते हैं और ऑनलाइन ही उसको बेचा भी जा सकता है |क्रिप्टो करेंसी फिक्स होती है l जैसे एक भूमि फिक्स्ड है उसको ना बढ़ाया जा सकता है ना घटाया जा सकता है|

क्रिप्टोकरंसी से फायदा क्या है?

क्रिप्टो करेंसी डिसेंट्रलाइज्ड है यानी विकेंद्रीकृत है | इसमें किसी का हस्तक्षेप नहीं है, ना कोई गवर्नमेंट या संस्था कंट्रोल करती| इसको कोई कंट्रोल नहीं करता और इसकी सेफ्टी भी बहुत ज्यादा है l क्योंकि आजकल सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण प्राइवेसी है| जब किसी को पता ही नहीं होगा की आपके बैंक में कितना रुपया है और आपकी सुरक्षा महत्वपूर्ण है तो आप उसी चीज को ज्यादा यूज करेंगे l यही क्रिप्टोकरंसी में होता है|

क्रिप्टो करेंसी से नुकसान क्या है?

क्योंकि गवर्नमेंट या कोई भी अथॉरिटी इसमें हस्तक्षेप नहीं करती, तो अगर आपके साथ कुछ गलत होता है तो आप किसके पास जाएंगे | आप कहां  शिकायत करेंगे कि, मेरे साथ ऐसा हुआ है l क्योंकि यह गुप्त रूप से यूज़ की जाती है l तो ज्यादातर इसका उपयोग अनैतिक कार्यों के लिए किया जा रहा है | जैसे पिछले साल सरकारी विभागों की महत्वपूर्ण वेबसाइट को हैकरों ने हैक कर लिया l सही करने के लिए क्रिप्टोकरंसी के रूप में पैसों की डिमांड की | इसके साथ ही इसमें जो टेक्नोलॉजी प्रयोग की जा रही है वह इको फ्रेंडली भी नहीं है | यानी हमारे पर्यावरणीय संसाधनों का ज्यादा दोहन हो रहा है|

भारत में क्रिप्टोकरंसी (Cryptocurrency in india)

भारत में क्रिप्टोकरंसी आज की डेट में लीगल हैl लेकिन आप बस इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं l लीगल टेंडर ऑफ मनी नहीं है l यानी पैसों की जगह इसका यूज नहीं कर सकते l आप मार्केट में जाकर कोई भी चीज इससे नहीं खरीद सकते हैं| उम्मीद करते हैं क्रिप्टो करेंसी से संबंधित आपको सारी जानकारी प्राप्त हुई होगी और आप बेहतर ढंग से इसके बारे में जान चुके होंगे |

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