आज हम बात करेंगे, प्रदूषण की जिसने न केवल वातावरण को प्रदूषित किया है बल्कि इसने मनुष्य के जीवन को बहुत ज्यादा ही प्रभावित किया है। व्यक्ति खुद को सुरक्षित रखें या वातावरण को सवाल यह है कि यह प्रदूषण बहुत खतरनाक रूप धारण करता जा रहा है इसने व्यक्ति की प्रजनन क्षमता पर वार किया है। किसी भी जीवित प्राणी के लिए प्रजनन कार्य अनिवार्य है क्योंकि इससे आपका वंस आगे बढ़ता हैं।
प्रदूषण बढ़ने के साथ-साथ प्रजनन प्रक्रिया भी प्रभावित हो रही है यह एक बड़ी समस्या के रूप में उभर कर सामने आ रही है। प्रदूषित वायु में ऑक्सीजन की मात्रा कम होती है जो मनुष्य के शुक्राणु को नुकसान पहुंचाती है।
हवा की खराब गुणवत्ता के कारण पुरुषों की प्रजनन क्षमता धीमी होती जा रही है जिसकी वजह से औरतों को भी गर्भधारण करने में समस्या आ रही हैं
डॉक्टर्स के अनुसार जब हम प्रदूषित वायु में सांस लेते हैं तो कुछ सूक्ष्म कण सांस के द्वारा हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं यह पुरुष के शुक्राणु के लिए काफी नुकसानदायक होते हैं।
कारण
- तनावपूर्ण स्थिति से हमारा मस्तिष्क प्रभावित होता है और मस्तिष्क का प्रजनन अंगों से सीधा संबंध होने के कारण यह काफी हद तक प्रभावित करती हैं।
- प्रदूषण से डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, हार्ट से संबंधित बीमारियां हो सकती हैं।
- प्रदूषण से मस्तिष्क में सूजन हो सकती हैं, जिससे प्रजनन क्षमता पर प्रभाव पड़ सकता है शुक्राणु का संबंध मस्तिष्क से होता है
- डॉक्टर्स के अनुसार प्रदूषण में मौजूद 2.5 माइक्रोमीटर व्यास से छोटे सूक्ष्म कण ( पार्टिकल ) हृदय की धमनियों में सूजन का बड़ा कारण बनते हैं।
- यह पार्टिकल्स इतने छोटे होते हैं कि शरीर में घुसकर ब्लड स्ट्रीम के अंदर चले जाते हैं और दिल की धमनियों में सूजन कर देते हैं खून के थक्के भी जमा देते हैं इस तरह टेस्टोस्टेरोन के स्तर में भी कमी से सेक्स की इच्छा कम हो जाती है।
- वायु प्रदूषण के कारण पैदा होने वाले बच्चे कम वजन वाले या जन्म से पहले प्रसव या मृत बच्चे का जन्म आदि जैसी समस्याएं हो रही हैं।
बचाव
- हम सभी जानते हैं कि प्रदूषण को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है, लेकिन अगर हम अपनी जीवनशैली में कुछ सही मात्रा में बदलाव करें, सही आहार ले तो स्पर्म की संख्या में सुधार किया जा सकता है।
- शरीर में ऑक्सीडेंट की मात्रा बढ़ाने के लिए आप विटामिंस, खनिज, समृद्ध पोषक तत्वों का इस्तेमाल कर सकते हैं। एंटी ऑक्सीडेंट स्पर्म की संख्या और गुणवत्ता दोनों में सुधार के लिए जिम्मेदार है।
- डॉक्टर्स के अनुसार वायु प्रदूषण ना केवल पुरुषों की प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर रहे हैं बल्कि यह महिलाओं की प्रजनन क्षमता के लिए भी हानिकारक है महिलाओं के ओवेरियन फॉलिकल जहां अंडे विकसित होते हैं प्रदूषण के कारण डैमेज हो जाते हैं हवा में मौजूद हाइड्रोकार्बन वाले pm10 के कण हार्मोन के बदलाव में सीधे तौर पर जिम्मेदार होते हैं।
- टेस्टोस्टेरोन और एस्ट्रोजन के स्तर में कमी से ना केवल सेक्स की इच्छा में कमी आती है बल्कि आगे चलकर यह प्रेग्नेंट क्षमता को भी प्रभावित करती हैं
- सिर्फ स्पर्म काउंट कम होने के लिए प्रदूषण ही जिम्मेदार नहीं है इसके अलावा व्यक्ति शरीर को सिगरेट शराब से भी प्रभावित करते हैं। नशीले पदार्थों से दूरी बना ले।
खोज एक्सपेरिमेंट
चूहों पर एक्सपेरिमेंट किया गयाहैं। वायु प्रदूषण के संपर्क में आने वाले चूहों में हमेशा मस्तिष्क में सूजन नहीं हुई इसका मतलब है कि प्रदूषण से हमारे शरीर का अन्य अंग संभावित रूप से कम स्पर्म के लिए जिम्मेदार है। इस प्रकार हम यह कह सकते हैं कि प्रदूषण का प्रभाव सिर्फ हमारे मस्तिष्क पर ना पड़ कर अन्य शारीरिक अंगों पर भी पढ़ रहा है, जो आपके शुक्राणुओं की संख्या को प्रभावित कर रहे हैं।