परिचय
“टाटा” इस नाम को हम सभी जानते है, हर सफल नाम के पीछे एक संघर्ष की कहानी होती है। दोस्तो लाइफ में उतार चढाव का होना बहुत जरूरी है, क्योंकि ईसीजी (इलेक्ट्रो कार्डियो डायग्राम) में भी सीधी लाइन होने का मतलब मृत्यु होता है। ये उतार चढ़ाव ही जिंदगी है।
रतन टाटा जो नाम आज हर एक व्यक्ति जानता है, टाटा समूह के वर्तमान अध्यक्ष हैं, जो भारत की सबसे बड़ी व्यापारिक समूह है, जिसकी स्थापना जमशेदजी टाटा ने की थी।
प्रारम्भिक जीवन
रतन टाटा जी का जन्म 28 दिसंबर 1937 को भारत के मुंबई शहर में एक पारसी परिवार के घर में हुआ था। रतन टाटा के पिताजी का नाम नवल टाटा है और उनकी माता जी का नाम सोनू टाटा है।
निजी जीवन
रतन टाटा एक शर्मीले व्यक्ति हैं, समाज की झूठी चमक दमक में विश्वास नहीं करते हैं, 1948 में जब रतन टाटा जी 10 साल के थे तब उनके माता-पिता का तलाक हो गया था, अपने माता पिता के तलाक के कारण रतन टाटा जी मानसिक रूप से काफी टूट गए थे, इसीलिए उनकी परवरिश और देखभाल की जिम्मेदारी उनकी दादी नवाजबाई टाटा जी ने ली।
शिक्षा क्षेत्र
रतन टाटा ने अपनी शुरुआती पढ़ाई महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के ही कैंपियन स्कूल में रहकर पूरी की। इसके बाद उन्होंने मुंबई के ही कैथेड्रल और जॉन स्कूल में रहकर अपनी स्कूल की पढ़ाई पूरी की।
साल 1962 में रतन टाटा जी भारत में पढाई करने के बाद यू.एस.ए चले गए जहां उन्होंने न्यूयॉर्क के इथाका के कॉर्निल यूनिवर्सिटी से स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की और फिर वे अमेरिका के हार्वर्ड बिजनेस स्कूल में मैनेजमेंट प्रोग्राम्स की पढ़ाई के लिए चले गए।
रिश्ता
लॉस एंजेलिस में रतन टाटा को प्यार हुआ और वो उस लड़की से शादी करने ही वाले थे. हालांकि, उन्होंने वापस भारत जाने का फैसला किया, रतन टाटा ने इंटरव्यू सीएनएन इंटरनेशनल के टॉश एशिया प्रोग्राम में दिया। जिसमें उन्होंने कहा कि “मुझे अपनी लाइफ में 4 बार प्यार हुआ। लेकिन चारों बार हालात ऐसे बने कि किसी न किसी वजह से सिर पर सेहरा बंधते-बंधते रह गया। उन्होंने आगे कहा कि अच्छी बात है कि शादी नहीं हुई। क्योंकि होती तो हालात ज्यादा कठिन हो जाते ।”
कार्य क्षेत्र
रतन टाटा ने अपनी पढ़ाई पूरी होने के बाद कुछ समय तक लॉस एंजिल्स, कैलिफोर्निया, में जोन्स और एमोंस में काम किया और फिर आई बी एम् में भी जॉब की। साल 1961 में वे अपने परिवारिक टाटा ग्रुप का हिस्सा बने और इस ग्रुप के साथ अपने करियर की शुरुआत की। अपने शुरुआती दिनों में टाटा स्टील के शॉप फ्लोर पर काम किय। रतन टाटा को साल 1971 में राष्ट्रीय रेडियो और इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी (नेल्को) में प्रभारी निदेशक नियुक्त किया गया। उस समय कंपनी को बुरे हालातसे निकला तथा फायदे की तरफ लेकर गए। साल 1981 में रतन टाटा की काबिलियत को देखकर उन्हें टाटा इंडस्ट्रीज के उत्तराधिकारी बनाने की घोषणा की।
1981 में रतन टाटा जी को टाटा इंडस्ट्री का अध्यक्ष बनाया गया। और 1991 में रतन टाटा जी को ‘जे आर डी’ टाटा जी द्वारा टाटा कंपनी का चेयरमैन बनाया गया।
सपना
रतन टाटा का सपना था कि 1,00,000 रु की लागत की कार बनायी जाए। यह सपना उन्होंने 1988 में संजोया।
रतन टाटा हमेशा से ही गरीबों की भलाई के लिए जाने जाते हैं। और यही वजह है की इन्होंने दुनिया की सबसे सस्ती कार बनाकर उन लोगों के बारे में भी सोचा, जिनकी आमदनी कम थी, जिनके लिए कार खरीदना किसी बड़े सपने से कम नहीं था। रतन टाटा ने महज 1 लाख रुपए की लागत में दुनिया की सबसे सस्ती कार, नैनो कार बनाई।
सफलता
2008 में वैश्विक वित्तीय मंदी के कारण जेगुआर, लेंड रोवर जो की कार की कम्पनी है वो दिवालिया होने के कगार पर था। टाटा ने दोनों को तब खरीदने का प्रस्ताव रखा जिसे बिल फोर्ड ने खरीदने पर एहसान जताया,
और अब आज के समय में जैगुआर और लैंड रोवर Tata company का हिस्सा है और मार्केट में बेहतर मुनाफे के साथ आगे बढ़ रहा है।
पुरस्कार
- सन 1998 , सिंगापुर की नागरिकता का सम्मान प्रदान किया गया।
- टाटा परिवार के देश की प्रगति में योगदान हेतु परोपकार का कार्नेगी मैडल दिया गया।
- साल 2000 में, रतन टाटा को भरत सरकार की तरफ से पदम् भूषण सम्मान दिया गया ।
- सन् 2008 में, रतन टाटा को भारत सरकार ने भारत के नागरिकता का सबसे बड़ा पुरस्कार पद्म विभूषण दिया गया।
- इंडो-इसरायली चेम्बर ऑफ़ कॉमर्स द्वारा सन् 2010 में “बिजनेसमैन ऑफ़ दि डिकेड” का सम्मान दिया गया ।
- वे नैसकॉम ग्लोबल लीडरशिप पुरस्कार -2008 प्राप्त करने वालों में से एक थे।
कुछ महत्त्वपूर्ण तथ्य
- प्रति दिन की आय :- एक दिन में लगभग डेढ़ करोड़ से ज्यादा की आय है।
- सम्पति :- रतन टाटा की कुल सम्पति की बात करे तो, मिडिया रिपोर्ट के हिसाब से एक बिलियन डॉलर के मालिक हैं।
- दान :- रतन टाटा अपनी कमाई का 65% हिस्सा दान करते हैं।
टाटा ग्रुप 100 कंपनियों के साथ पूरे विश्व में पांचवी सबसे बड़ी कंपनी है। जिसमें टाटा चाय, 5 स्टार होटल, स्टील, कार और हवाई जहाज शामिल हैं।