Biography of Lata Mangeshkar in hindi

किस उम्र में पेरेंट्स को बच्चों के साथ सोना कर देना चाहिए बंद, जानिए वजह –

जब बच्चे बढ़ने लगे तो उन्हें अलग सोने की आदत का विकास करना चाहिए। क्योकि जब बच्चा 3 – 5 साल का होता है उसमे इस आदत को विकसित किया जा सकता है ऐसे बहुत से माँ बाप हैं जो अपने बच्चों को अपने साथ सुलाना पसंद करते हैं। बच्चे भी माँ बाप के साथ सोना पसंद करते हैं। बच्चों को अपने साथ सुलाने से उनका मनोबल बढ़ता है, मनोवैज्ञानिक समस्याएं नहीं होती। आत्म विश्वास बढ़ता है।

  • 12 महीने से कम के बच्चे को सुलाना

12 महीने या इससे कम उम्र के बच्चे को साथ नहीं सुलाना चाहिए, क्योकि दम घुटने से उसकी मृत्यु भी हो सकती है। बच्चे को अलग सुलाना ही बेहतर होगा ताकि बच्चा भी ठीक से सो सके और आप भी ठीक ढंग से आराम कर सकें।

  • एक्स्ट्रा बिस्तर की व्यवस्था

ये जरूरी है ताकि आप भी थक कर आये तो अपनी थकान को मिटा सकें और बच्चा भी आराम से सो सके। आप जागते समय बच्चे के साथ रह सकते हैं, लेकिन बच्चा जैसे सोता है आप दूसरे बिस्तर पर सो सके। ताकि बच्चे को सोते समय कोई दिक्क्त न आये।

  • बच्चों में शारीरिक बदलाव

जब आपको बच्चों में शारीरिक बदलाव नजर आने लगे तो, इस स्थिति में भी उनके साथ सोना बंद कर देना चाहिए। इस समय बच्चों के शरीर में काफी बदलाव होते हैं। उनको थोड़ा स्पेस दें ताकि वो आपके साथ सहज तरीके से बात कर सकें। अगर उन्हें कोई समस्या आती है तो उसे समझकर उसका समाधान भी करना चाहिए।

  • पेरेंट्स की प्राइवेसी को बनाये रखना

पेरेंट्स की प्राइवेसी बनाये रखने के लिए भी जरूरी है कि एक उम्र के बाद बच्चों को माता पिता से अलग सोने की आदत डालने की कोशिश करनी चाहिए। लेकिन इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बच्चा अकेले सोने में सहज हो तभी करें। वरना वह असुरक्षित महसूस करने लगेगा , नकारात्मक भावनाओं से भी घिर सकता है।

  • आत्मनिर्भर बनाने के लिए

विदेशों में बच्चों के लिए अलग बैडरूम की व्यवस्था होती है। इससे उनके आत्मनिर्भर को बढ़ाने, असुरक्षा की भावना से निकलने का तरीका है । असुरक्षा की भावना बच्चों के अंदर बचपन से ही आती है, इस समय बच्चों को इस स्थिति में बचने का उपाय यही है उनके अंदर के आत्मविश्वास को बढ़ाया जा सके।

  • आत्मविश्वास को बढ़ाता है

जो बच्चे अकेले सोते हैं उनमे बाकियों के मुकाबले ज्यादा आत्मविश्वास देखने को मिलता है। खुद को संभालने की आदत पड़ जाती है। जो बच्चे हमेशा माँ बाप के पास सोते हैं उसमे थोड़ा आत्मविश्वास की कमी भी होती है। असुरक्षा की भावना सताने लगती है।

  • पार्टनर को भी स्पेस की जरूरत

जब बच्चा खुद से अकेले सोना सिख जाता है तो आप अपने पार्टनर को भी समय दे पाती हैं। वरना कई बार यही लड़ने झगङे की वजह भी बन जाता है, जब आप अपने पार्टनर को समय नहीं दे पाती। पार्टनर को लगता है की आपका ध्यान अब उनकी तरफ कम हो रहा है ये भी कहीं न कहीं रिश्तों में तनाव की वजह बनता है।

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