Biography of Lata Mangeshkar in hindi

सेन्सर बोर्ड क्या है ? पूरी जानकारी विस्तार से जाने ।

सेन्सर बोर्ड क्या है ? सेन्सर बोर्ड के बारे मे जानकारी (What is sensor board in hindi, About censor board in hindi)

सेन्सर बोर्ड फिल्मों को कैसे पास करता है ? सेन्सर बोर्ड के सभी सवालो के जवाब (Sensor board kya hai):-

आपने सेन्सर बोर्ड के बारे मे कहीं ना कहीं से जरूर थोड़ी-बहुत सुना होगा , लेकिन आज हमने आपको सेन्सर बोर्ड का फिल्म इंडस्ट्री मे क्या काम है? तथा कैसी – कैसी फिल्मों को चलाने की मंजूरी देता है , और कौन से एक्ट के तहत कौन सी फिल्म चल सकती है इत्यादि जानकारी अच्छे से बताया है ।

तो पूरी जानकारी के लिए कृपया पूरा पढ़ें ।

सेन्सर बोर्ड (Censor board meaning) :-

सेन्सर बोर्ड एक वैधानिक संस्था है , जो Cinematography act 1952 के नियमो के तहत फिल्मों को रिलीज करने के लिए सर्टिफिकेट देने का काम करता है।

सेन्सर बोर्ड का हेडक्वार्टर मुम्बई मे है। जिसके अन्य क्षेत्रीय शाखाएँ मुम्बई ,कोलकाता , चेन्नई , बंगलुरु ,तिरुवनंतपुरम ,हैदराबाद , नई दिल्ली , कटक और गुवाहटी मे है ।

ये भी पढ़ें :- SEBI क्या है ? सेबी के कार्य क्या है ?

फिल्म सर्टिफिकेट के प्रकार  :-

यह सर्टिफिकेट 4 प्रकार ( U,U/A,A,S)  के होते हैं ।

(1)    U Unrestricted

(2)    U/A Unrestricted with caution

(3)    AAdults only

(4)    S – Restricted to special cores

[1]    Unrestricted : –  इस प्रकार का सर्टिफिकेट उन फिल्मों को दिया जाता है जिन्हे सभी लोगो को दिखाया जा सके किसी उम्र के हो ।

[2]   Unrestricted with caution :- इस तरह के सर्टिफिकेट के अंतर्गत 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चो के साथ उनसे बड़े अभिभावकों का होना आवश्यक माना जाता है अतः यह नाबालिक बच्चो पर पूर्णतः प्रतिबंध करता है ।

[3]  Adults Only :- इस कैटेगरी से प्रमाणित फिल्म केवल वयस्क व्यक्ति के लिए होती है जिसने अपनी 18 साल की उम्र पूर्ण कर ली हो ।

[4] Restricted to special cores :- यह सर्टिफिकेट कुछ विशेष लोगो को दिखाने के लिए दिया जाता है, जैसे चिकित्सा क्षेत्र से संबन्धित डॉक्टरों को दिखाया जाता है । जिससे विभिन्न ऑपरेशन से संबन्धित जानकारी दी जाती है ।

ये भी पढ़ें :- DRDO क्या है ? पूरी जानकारी विस्तार से जाने ।

किसी फिल्म को रिलीज कराने से पहले डायरेक्टरों को सेन्सर के चक्कर लगाने पड़ते हैं ।

जिससे फिल्म को सही प्रमाण-पत्र मिल सकें । सेन्सर बोर्ड फिल्म को प्र्मणित करने से पहले सेन्सर बोर्ड के एजेंटो के द्वारा फिल्म का निरीक्षण किया जाता है तथा उन आपत्तिजनक दृश्यों , गाली-ग्लौच तथा समाज की भावना प्रभावित करने वाले दृश्य को हटा दिया जाता है ।

जो सेन्सर बोर्ड के नियमों का उल्लंघन करता हो इस प्रक्रिया के बाद चेयरमैन फिल्म को प्रमाणित करता हो ।

अगर फिल्म मे किसी दृश्य को हटाया जाता है तो सर्टिफिकेट मे त्रिभुज (ट्रायंगल) का मार्क दिया जाता है वर्तमान मे सेन्सरबोर्ड के अध्यक्ष (Censor board chairman) प्रसून जोशी जी हैं । इससे पूर्व पहलाज निहलानी सेन्सर बोर्ड के अध्यक्ष थे ।

  • तो ये थी सेंसर बोर्ड की जानकारियाँ जो उम्मीद है आपको समझ मे आई होगी । अगर आपको कुछ पूछना हो या फिर कोई ऐसी टॉपिक हो जिसके बारे मे आप जानना चाहते हैं तो आप हमे कमेंट बॉक्स मे लिख कर भेज सकते हैं ।

इन्हें भी पढ़ें :-

Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *