परिचय :-
विज्ञान और यूनिवर्स के बीच गहरा सम्बन्ध है, आज इंसान वैज्ञानिकों के खोज के बदौलत हर सुविधा को प्राप्त कर रहा है, जिज्ञासु प्रवृति और जुनून इंसान को शांति से बैठने नहीं देता मन में अपने सवालों के हल ढूंढ़ता रहता है तब तक, जब तक उसे उसके सवालों के जवाब नहीं मिल जाते। ऐसे लोग अपने व्यक्तित्व से दुसरो को प्रभावित करते है और उनके जीवन का मार्गदर्शक के रूप में कार्य करते हैं। इस संसार में दो तरह के लोग होते है एक जो मुश्किलों के आगे घुटने टेक देते है, दूसरे जो मुश्किलों को घुटने टेकने पर मजबूर कर देते हैं वैसे ही सख्सियत रखने वाले हैं, स्टीफन हॉकिंग।
स्टीफन हॉकिंग की सफलता का कोई जिम्मेदार है तो वह खुद, जिस प्रकार की बीमारी से वह ग्रस्त हुए अगर कोई और होता तो शायद जीवन में हालात के आगे हार कर बैठ जाता लेकिन इन्होने हार नहीं मानी और सफलता की ऐसी मिसाल दी की कोई सोच भी नहीं सकता।
प्रारंभिक जीवन :-
स्टीफ़न हॉकिंग का जन्म 8 जनवरी 1942 को ऑक्सफ़ोर्ड, इंग्लैंड में हुआ था। उनके पिता का नाम फ्रैंक (1905-1986) और माता का नाम इसोबेल (1915-2013) था। स्टीफन हॉकिंग का परिवार ज्यादा आमिर नहीं था अध्यापन कार्य से उनका घर चलता था।
शिक्षा:-
स्टीफन हॉकिंग बचपन में बेहद सामान्य छात्र थे। स्टीफन हॉकिंग की प्रारंभिक शिक्षा ट्रिनिटी हॉल, कैंब्रिज से शुरू हुई। फिर उन्होंने हाई स्कूल की शिक्षा सैंट अल्बांस हाई स्कूल से पूरी की, हाई स्कूल पास करने के बाद उन्होंने अंडर ग्रेजुएशन यूनिवर्सिटी ऑफ़ ऑक्सफ़ोर्ड से प्रथम श्रेणी में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की और इसके बाद पीएचडी की शिक्षा कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से पूरी की।
स्टीफन को भौतिक विज्ञान के अलावा इनकी रूचि गणित में भी थी। लेकिन गणित का विकल्प वहां नहीं था, इसी कारण से उन्हें भौतिक विज्ञान को चुनना पड़ा।
हादसा :-
21 साल की उम्र में स्टीफन हॉकिंग सीढियों से उतरते हुए निचे गिर पड़े और बेहोश हो गए। उसी दौरान उनके शरीर में कुछ अलग तरह के विशेष बदलाव देखने को मिले। जब डॉक्टर को दिखाया गया तब स्टीफन एक ऐसे गंभीर रोग एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस से ग्रसित पाए गए, जिसका उस समय में कोई भी इलाज नहीं था।
इस बिमारी में मसल्स तथा नर्वस सिस्टम के बीच जो तालमेल होता है वो बंद हो जाता है, जिसके वजह से पूरा पूरा शरीर धीरे-धीरे स्थिर पड़ने लगता है।
गृहस्थ जीवन :-
जनवरी 1965 में नये साल के जश्न में स्टीफन हाकिंग की मुलाकात जेन वाइल्ड से हुईं । जेन हॉकिंग के खुशदिल स्वभाव और उनकी मेधा से बहुत प्रभावित हुईं और वे उनसे प्रेम करने लगीं। 14 July 1965 को जेन और स्टीफन का विवाह हो गया। तब तक हॉकिंग का पूरा दाहिना हिस्सा निर्जीव हो चुका था
स्टीफन हॉकिंग तीन बच्चों के पिता भी बने। लेकिन सन 1995 में स्टीफन हॉकिंग को उनकी पहली पत्नी जेन वाइल्ड ने तलाक दे दिया।
इसके बाद इलियाना मेसन नामक नर्स से उनकी दूसरी शादी हुई। लेकिन यह शादी भी समय नहीं चली और 2007 में फिर उनका तलाक हो गया।
कार्य क्षेत्र :-
1974 में स्टीफन हॉकिंग ने दुनिया को अपनी सबसे महत्वपूर्ण खोज ब्लैक होल थ्योरी के बारे में बताया। उन्होंने बताया,ब्लैक होल क्वॉन्टम प्रभावों की वजह गर्मी फैलाते हैं। पांच साल बाद ही वह कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में गणित के प्रोफेसर बन गए। यह वही पद था जिस पर कभी महान वैज्ञानिक ऐलबर्ट आइनस्टाइन नियुक्त थे।
स्टीफन हॉकिंग ने दुनिया को बताया की जब तारे पुराने हो जाते हैं, तभी यह ठंडे पड़ जाते हैं और अंत में वह ब्लैक होल का रूप लेते हैं।
इन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका ब्लैक होल और बिग बैंग थ्योरी को समझाने में निभाई है।
पुरस्कार :-
- रॉयल सोसाइटी मेडल (1976),
- अल्बर्ट आइंस्टाइन मेडल (1979),
- आर्डर ऑफ द ब्रिटिश एंपायर (1982),
- भौतिकी का वुल्फ अवार्ड (1988),
- प्रिंस ऑफ आस्ट्रियन अवार्ड (1989),
- अमेरिकी फिजिक्स सोसाइटी का जूलियस एडगर लिनिफिल्ड अवार्ड (1999)
- अमेरिका का सर्वोच्च नागरिक सम्मान राष्ट्रपति पदक (2009)
महत्त्वपूर्ण किताबें :-
- ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम’
- जॉर्ज एंड थे बिग बैंग
- जॉर्ज’स कॉस्मिक ट्रीजर हंट
- जॉर्ज ‘स सीक्रेट के टू द यूनिवर्स
- गॉड क्रिएटेड द इंटिजर्स
- ऑन द शोल्डर्स ऑफ़ जेंट्स
- द यूनिवर्स इन ए नटशेल
- ब्लैक होल्स एंड बेबी यूनिवेर्सेस
- द ग्रैंड डिज़ाइन
- माय ब्रीफ हिस्ट्री