डायबिटीज के मरीज जब भी रात को ठीक से नहीं सो पाते हैं या फिर कम नींद लेते हैं तो उससे डायबिटीज मरीजों को कई तरह की परेशानियां होने लगती हैं। डायबिटीज बीमारी लोगों में आम होती जा रही है।
भारत में हर डायबिटीज से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है मधुमेह के कारण शरीर में बीमारियों के होने का खतरा भी बढ़ जाता है डॉक्टर के अनुसार जिस भी व्यक्ति को डायबिटीज हो, उनको अपने खान-पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए। डाइट के साथ-साथ उन्हें सही मात्रा में नींद भी लेना बहुत जरूरी है।
उचित मात्रा में नींद ना मिलने के कारण डायबिटीज के मरीजों को टाइप टू डायबिटीज होने का खतरा भी बढ़ जाता है, जिनको डायबिटीज हैं उनको अन्य बीमारियों का भी खतरा बढ़ जाता है जैसे कि शरीर में इंसुलिन की कमी होना, शुगर बढ़ने लग जाना।
ब्लड शुगर नींद को कैसे प्रभावित करते हैं?
स्वास्थ्य रिपोर्ट के अनुसार रात को ठीक से नहीं सो पाते हैं या फिर नींद कम देते हैं, तो उसे बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। रात में नींद कम लेने से डायबिटीज मरीज पूरे दिन थका हुआ महसूस करते हैं। थका हुआ महसूस करने पर अपनी डाइट के हिसाब से ज्यादा भी खा लेते हैं, जिससे उनका ब्लड शुगर भी बढ़ जाता है।
यह काम बेहद जरूरी है
- जंक फूड का सेवन ना करें, अनियंत्रित खानपान से बचें।
- अल्कोहल का सेवन ना करें शुगर की दवा और इंसुलिन नियमित रूप से लेते रहें।
- 2012 की रिपोर्ट के अनुसार यह पता चला है कि सोने में परेशानी का अनुभव करना और डायबिटीज का आपस में गहरा संबंध है सोने में समस्या का अर्थ कुछ भी हो सकता है कम सोना और अधिक सोना अगर आपको दिन में नींद आती है तो इसका अर्थ है कि आपने रात को ठीक प्रकार से अपनी नींद नहीं ली है।
- नींद ना आने की समस्या शुगर लेवल पर ठीक नियंत्रण ना रहने की वजह से पैदा हो सकती हैं।
डायबिटीज नींद को कैसे प्रभावित करती है?
डायबिटीज से प्रभावित लोगो का ब्लड शुगर लेवल बढ़ता ही रहता है। शुगर की बढ़ती मात्रा से परेशान होते हैं जिनका ब्लड शुगर बढ़ता रहता है। आपका शरीर, शुगर की इस बढ़ी हुई मात्रा को पेशाब के जरिए बाहर निकालने का प्रयास करता है।
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- डायबिटीज स्लीप डिसऑर्डर ब्रीडिंग का कारण भी माना जाता है। स्लीपिंग डिसऑर्डर ब्रीडिंग एक ऐसी अवस्था है जिसमें नींद के दौरान अचानक सांस रुक जाती है वह व्यक्ति खर्राटे लेने लगता है जिसकी वजह से नींद की समस्या होने लगती है।
- इसमें व्यक्ति को इंसुलिन के प्रतिरोध और ग्लूकोज इनटोलरेंस की समस्या हो सकती हैं।
- इससे आपका स्वास्थ्य बिगड़ सकता है आप की डायबिटीज बढ़ सकती हैं।
कितनी मात्रा में नींद है जरूरी?
- एक रिपोर्ट के अनुसार 18 से 60 वर्ष की उम्र के लोगों को रात में कम से कम 7 घंटे की नींद लेना जरूरी होता है। हालांकि डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति यह सोने का समय निश्चित नहीं बताया गया लेकिन यह बहुत जरूरी है। कि अच्छी और भरपूर मात्रा में नींद ले जागने के बाद पूरे दिन तरोताजा और ऊर्जावान महसूस करेंगे।
- अपने सोने और उठने का समय निश्चित कर ले। इससे आपको समय रखने की आदत बन जाएगी शरीर को भी पर्याप्त नींद मिल जाएगी।
- प्रतिदिन हल्का व्यायाम करें।
- अगर दिन में आराम करना चाहते हैं तो 30 मिनट से ज्यादा का आराम ना करें दिन में नींद को नजर अंदाज करने से रात को आप ठीक प्रकार से नींद ले सकते हैं।
- रात को हल्का भोजन ले मसालेदार और तला हुआ भोजन लेने से बचें
- रात को कैफ़ीन युक्त पदार्थ ना लें इससे आपको नींद लेने में परेशानी होगी
- बिस्तर पर जाने से पहले धनवान निकोटीन या शराब का सेवन ना करें यह आपके सोने के तरीके को बाधित कर सकता है।
- बिस्तर पर जाने से पहले मोबाइल फोन, लैपटॉप और ई रीडर के इस्तेमाल से बचें। इन गैजेट्स की चमक की वजह से आपको नींद लेने में परेशानी हो सकते हैं।
- अपने मन को शांत रखें क्यूंकि अशांत मन से व्यक्ति सो नहीं पाता इसलिए योग या मेडिटेशन करना चाहिए इससे आपको अच्छी नींद लेने में मदद मिलेगी।
- सोने से पहले लाइट को धीमा कर दें वातावरण बिल्कुल शांत रहे इस बात का ख्याल आपको रखना चाहिए अगर किताब पढ़ने से आपको नींद आती है तो सोने से पहले आप किताब पढ़ कर सो सकते हैं।