जवाहर लाल नेहरू स्वतंत्र भारत के पहले प्रधान मंत्री है। भारत की आजादी में इनका बहुत बड़ा योगदान रहा। इनका जन्म दिन बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसका कारण यह था कि नेहरू जी को बच्चे बहुत पसंद थे। और बच्चे उन्हें चाचा नेहरू कह कर पुकारते थे। देश को आजाद कराने में नेहरू जी ने महात्मा गाँधी का साथ दिया था। नेहरू जी को आधुनिक भारत का रचयिता माना जाता है।
परिवार
नेहरू जी का पूरा नाम पंडित जवाहर लाल नेहरू है। इनका जन्म 1889 को उत्तेर प्रदेश के इलाहबाद क्षेत्र में हुआ था । इनके माता का नाम स्वरूपरानी नेहरू तथा पिता का नाम मोतीलाल नेहरू था। इनकी पत्नी का नाम कमला नेहरू था। नेहरू जी का विवाह 1916 में हुआ। इनके एक बेटी थी जिसका नाम इंदिरा गाँधी था। नेहरू जी की मृत्यु 27 मई 1964 को दिल का दौरा पड़ने से हुई।
नेहरू जी को गुलाब का फूल बहुत पसंद था जिसे वह अपनी शेरवानी में लगाकर रखते थे। इंदिरा गाँधी स्वतंत्र भारत की प्रथम महिला प्रधान मंत्री बनी।
शिक्षा
पंडित जवाहर लाल नेहरू ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा इलाहबाद में स्थित प्राथमिक विद्यालय से पूरी की। 15 वर्ष पूरा होते ही नेहरू जी के पिता ने उन्हें शिक्षा पूरी करने के लिए इंग्लैंड के हैरो स्कूल में भेज दिया। इसके बाद अपने कालेज की शिक्षा पूरी करने के लिए ट्रिनिटी कॉलेज कैंब्रिज विश्वविद्यालय में दाखिला लिया। नेहरू जी इंग्लैंड में 7 साल रहे यही से लॉ करने की डिग्री हासिल करने के बाद नेहरू जी 1912 में भारत लौट कर वकालत शरू की।
राजनैतिक सफर
1912 में नेहरू जी बेरिस्टर के रूप में भारत लौटकर इलाहबाद हाईकोर्ट में बेरिस्टर के रूप में कार्यरत हुए। गाँधी जी के साथ मिलकर उनका सहयोग दिया। 1920-1922 में गाँधी जी द्वारा चलाये गए असहयोग आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया। इस समय नेहरू जी पहली बार जेल गए। 1924 में इलाहबाद नगर निगम के अध्यक्ष के रूप में सेवा की। 1926 -1928 तक नेहरू जी अखिल भारतीय कांग्रेस के महासचिव बने। 26 जनवरी 1930 में लाहौर में नेहरू जी ने स्वतंत्र भारत का ध्वज लहराया। 1936 -1937 में नेहरू जी को कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया। 1942 में गाँधी जी के नेतृत्व में भारत छोड़ो आंदोलन के बीच से नेहरू जी को गिरफ्तार किया गया। जिसके बाद 1945 में जेल से बाहर आये।
देश के पहले प्रधान मंत्री का चुनाव
1947 में भारत आजादी के समय कांग्रेस में प्रधान मंत्री की दावेदारी के लिए चुनाव किये गए, जिसमे सरदार वल्ल्भ भाई पटेल और आचार्य कृपलानी को सर्वाधिक मत मिले, पर गाँधी जी के आग्रह पर जवाहर लाल नेहरू जी को भारत का पहला प्रधान मंत्री बनाया गया, इसके बाद नेहरू जी तीन बार भारत के प्रधान मंत्री बने। इन्होने शांति एवं संघठन के लिए गुट-निरपेक्ष आंदोलन की रचना की। इनकी इतनी कोशिश के बाद भी भारत के पाकिस्तान और चीन से मैत्री पूर्ण सम्बन्ध नहीं बना पाए।
नेहरू जी को मिला सम्मान
1955 में नेहरू जी को देश का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न दिया गया।