इस समाज ने हमेशा औरतों पर उंगलियां उठाई हैं अगर कोई स्त्री गर्भधारण नहीं कर पाती है तो उसे दोषी ठहराया जाता है जबकि कुछ स्थितियों में गर्भ ना धारण होने की वजह स्त्री ना होकर के पुरुष होते हैं। दिन-ब-दिन पुरुषों में बढ़ता बांझपन एक समस्या है अक्सर इस बात की अनदेखी की जाती हैं के पुरुष में भी बांझपन हो सकता है।
पिछले कुछ दशकों से भारत में भी पुरुषों में बांझपन लगातार बढ़ रहा है
बांझपन भी वैश्विक समस्या के रूप में काफी तेजी से बढ़ रहा है। दुनिया भर में बहुत से लोग इस से प्रभावित हो रहे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार हमें कुछ आंकड़े प्राप्त हुए हैं, जिसमें वैश्विक स्तर पर 48 मिलीयन जोड़े और 186 मिलियन व्यक्ति बचपन से परेशान है।
बांझपन क्या है?
बांझपन पुरुष या महिला की प्रजनन क्षमता को प्रभावित करने वाली एक बीमारी है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति परेशान रहता हैं नियमित रूप से 12 महीने या उससे अधिक समय तक असुरक्षित संभोग करने के बाद भी गर्भ अवस्था प्राप्त करने में असफल होते हैं। पुरुषों में आमतौर पर 35 वर्ष की आयु में प्रजनन क्षमता में कमी देखी गई है ।
पुरुषों के बांझपन का कारण
प्रसिद्द डॉक्टरों के अनुसार पुरूषों में बांझपन के कई कारण हैं जैसे कि वीर्य में खराबी, कम शुक्राणु बनना, शुक्राणु के असामान्य कार्य से लेकर रुकावट या मार्ग में रुकावट जो शुक्राणु के वितरण ( डिस्ट्रीब्यूशन ) को रोकते हैं। इस तरह की परेशानियां जननांग क्षेत्र में चोट या संक्रमण के कारण होती हैं हालांकि कई बार बाहरी तत्व भी हो सकते हैं। इसमें धूम्रपान, अत्यधिक शराब का सेवन, खराब आहार, स्वस्थ पर ध्यान ना देना, मोटापा, तनाव आदि शामिल है।
प्रदूषण है जिम्मेदार
डॉक्टर्स के अनुस्वार जब हम खराब हवा में साँस लेते हैं तो हवा में मौजूद कुछ ऐसे तत्व जैसे पॉलिसाइक्लिक एरोमेटिक हाइड्रोकार्बन को लेकर हमारे शरीर में प्रवेश कर जाता है यह पुरुषों के शुक्राणु के लिए काफी नुकसानदेह होता है।
हृदय संबंधी समस्या
यदि आपको हृदय से संबंधित कोई परेशानी है तो आपका दिल ब्लड को ठीक तरह से पंप नहीं कर पा रहा होता हैं। जिसकी वजह से आप नपुंसकता के शिकार बन जाते हैं।
जीवन शैली और मनोवैज्ञानिक विकार
अगर कोई व्यक्ति मानसिक रूप से परेशान है तो सेक्सुअली एक्साइटमेंट पर इसका प्रभाव पड़ता है अवसाद और चिंता नपुंसकता बढ़ने का एक कारण है।
धूम्रपान का प्रभाव
धूम्रपान शुक्राणुओं की मात्रा, उसकी संख्या और गतिशीलता को काफी हद तक प्रभावित करता है जिसके कारण सिगरेट पीने वाले पुरुषों में प्रजनन की क्षमता कम होने लगती हैं धूम्रपान से सीमेंन की क्वालिटी पर भी असर पड़ता है जिसके स्पर्म अकाउंट इन एक्टिव होने लगते हैं इसलिए पुरुषों को धूम्रपान से दूर रहना चाहिए।
किन लक्षणों पर ध्यान रखना चाहिए
- पुरुषों कॉम यौन क्रियाओं से संबंधित समस्याओं का इलाज कराने से कभी हिचकिचाना नहीं चाहिए। पुरुषों में यौन इच्छा की कमी या इरेक्शन बनाए रखने में परेशानी होती है। यह सभी चीजें में पुरुष की क्षमता कम करने में योगदान देती हैं।
- इसके अलावा अंडकोष क्षेत्र में दर्द, सूजन या गांठ जैसी समस्याओं पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
- सांस से संबंधित संक्रमण होना।
- चेहरे और शरीर पर बालों का कम होना या क्रोमोसोमल या हार्मोन असंतुलन होना।
बांझपन की समस्या को खोजना
जब भी आपको इस प्रकार की कोई समस्या आ रही हो तो आपको जल्द से जल्द डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। और उसके अनुरूप अपना इलाज करवाना चाहिए । यह प्रक्रिया शारीरिक परीक्षण, रक्त परीक्षण, सामान्य हार्मोन परीक्षण और वीर्य विश्लेषण से शुरू होता है। वीर्य विश्लेषण शुक्राणु उत्पादन के स्तर और शुक्राणु मृत्यु दर को दिखा सकता है कि आपकी शुक्राणु अच्छी तरह से काम कर रहे हैं और आगे बढ़ रहे हैं वीर्य परीक्षण में शुक्राणुओं की संख्या कम हो या शुक्राणु ना हो उपचार के बहुत से विकल्प उपलब्ध होते हैं।
बांझपन का इलाज
विशेषज्ञों के अनुसार धूम्रपान और शराब छोड़ना, जीवन शैली में बदलाव लाने की सलाह दी जाती है जो आपको मधुमेह, मोटापा आदि को नियंत्रित करने में मददगार साबित होते हैं। प्रजनन क्षेत्र में भी किसी प्रकार के संक्रमण के मामले में एंटीबायोटिक उपचार का सुझाव दिया जाता है।