आज हम बात करेंगे, दूसरे गाँधी कहे जाने वाले सख्शियत की और वो हैं नेल्सन मंडेला। जिन्होंने अपने सम्पूर्ण जीवनकाल में रंगभेद नीति के खिलाफ आवाज उठाई उसके लिए हमेशा संघर्ष करते रहे और गाँधी जी की तरह अहिंसा के रास्ते पर चलने वाले व्यक्ति थे। मंडेला, भारत रत्न पाने वाले पहले विदेशी हैं। 10 मई 1994 को मंडेला अपने देश के सर्वप्रथम अश्वेत राष्ट्रपति बने। उन्हें अपने जीवनकाल के 27 वर्ष जेल में बिताने पड़े थे। रंग भेद के लिए काफी संघर्ष किया था।
प्रारम्भिक जीवनकाल
नेल्सन का जन्म 18 जुलाई को 1918 में को म्वेज़ो, ईस्टर्न केप में हुआ था जो दक्षिण अफ़्रीका संघ में है । मंडेला के पिता गेडला हेनरी म्फ़ाकेनिस्वा और इनके पिता की तीसरी पत्नी नेक्यूफी नोसकेनी के घर नेल्सन मंडेला का जन्म हुआ था। मंडेला के पिता उन्हें ‘रोलिह्लला’ नाम से पुकारते थे, जिसका अर्थ ‘उपद्रवी’ होता हैं। इनकी माता एक मेथोडिस्ट थी। मंडेला 18 भाई-बहनों में तीसरे थे। इनके पिता हेनरी म्फ़ाकेनिस्वा, हेनरी म्वेज़ो जनजाति के सरदार थे। स्थानीय लोग सरदार के बेटे को मंडेला कहते थे।
शैक्षिक जीवन
मंडेला ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा क्लार्कबेरी मिशनरी स्कूल से पूरी की। उसके बाद की स्कूली शिक्षा मेथोडिस्ट मिशनरी स्कूल से ली।उन्होंने दक्षिण अफ्रीका विश्वविद्यालय में दाखिला लिया और वहां से उन्होंने 1943 ईस्वी में बी ए की डिग्री को पास किया। उन्होंने वकालत की डिग्री लेने के लिए एल एल बी की पढ़ाई शुरू कर दी।
कैरियर
इन्होने क्लर्क की नौकरी की ,लेकिन धीरे धीरे इनकी रूचि राजनीती में होने लगी और राजनीती में सक्रिय रूप से भाग लेने लगे। रंग के आधार पर होने वाले भेदभाव को दूर करने के इन्होने राजनीति में कदम रखा।1944 में वे अफ़्रीकन नेशनल कांग्रेस में शामिल हुए। इसी वर्ष अपने मित्र और सहयोगियों के साथ मिलकर अफ़्रीकन नेशनल कांग्रेस यूथ लीग की स्थापना की। 1947 में इन्हे इसका सचिव चुना गया।
1961 में देशद्रोह का मुकदमा चलाया गया किन्तु उसमें उन्हें निर्दोष माना गया। फिर 5 अगस्त सन् 1962 को उन्हें सभी मजदूरों को हड़ताल के लिये उकसाने और बिना किसी अनुमति के देश छोड़ने के आरोप में गिरफ़्तार कर लिया गया। और 12 जुलाई 1964 को उम्रकैद की सजा दी गई और इन्हे रॉबेन द्वीप की जेल में रखा गया। 27 वर्ष बाद,11 फ़रवरी 1990 को मंडेला की रिहाई हुई।
और 1990 में ही श्वेत सरकार के द्वारा हुए समझौते के बाद इन्होने एक नये दक्षिण अफ्रीका का निर्माण किया।
वैवाहिक जीवन
नेल्सन मंडेला ने तीन शादियाँ की थी। इन्होनें अपना विवाह एवलीस मेस से किया जो इनके मित्र व सहयोगी की बहन थी। इनके मित्र का नाम वॉल्टर सिसुलू था, इन्होने अपनी शादी 1944 में अफ़्रीकन नेशनल कांग्रेस में शामिल होने के बाद किया। अपनी पहली पत्नी को सन् 1958 में तलाक दे दिया तलाक देने के बाद मेंनोमजामो विनी मेडीकिजाला से सन् 1961 में विवाह किया। सन् 1998 में अपने 80वें जन्मदिन पर उन्होंने ग्रेस मेकल से विवाह किया।तीनों पत्नियों से मंडेला को 6 सन्ताने हुई।उनके परिवार में 17 पोते-पोतियां हुई।
मृत्यु काल
नेल्सन मंडेला की मृत्यु 5 दिसम्बर 2013 को फेफड़ों में संक्रमण होने के कारण हॉटन, जोहान्सबर्ग में स्थित अपने घर पर हुई। उनकी मृत्यु की घोषणा सबसे पहले राष्ट्रपति जेकब ज़ूमा ने की।
पुरस्कार और सम्मान
- 1993 नोबेल शांति पुरस्कार
- प्रेसीडेंट मैडल ऑफ़ फ़्रीडम
- ऑर्डर ऑफ़ लेनिन
- भारत रत्न
- निशान-ए–पाकिस्तान
- 2008 गाँधी शांति पुरस्कार
कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
- इस दौरान उन्होंने गुप्त रूप से जेल में अपने जीवनी लिखी। उनकी यह जीवनी 1994 ईस्वी में पुस्तक में प्रकाशित हुई। इस पुस्तक का नाम “लोंग वॉक टू फ्रीडम” है।
- नवम्बर 2009 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने रंगभेद विरोधी संघर्ष में उनके योगदान के सम्मान में उनके जन्मदिन (18 जुलाई) को ‘मंडेला दिवस’ घोषित किया गया।
नेल्सन मंडेला के विचार
- इन्हे जातिवाद से नफरत थी। उन्हें यह बर्बरता के समान लगती थी ,फिर चाहे वह अश्वेत व्यक्ति के साथ हो या श्वेत व्यक्ति से।
- अगर आप उसकी अपनी भाषा में बात करते हैं तो वह उसके दिल में उतरतीं है।
- बीमारी के वक्त भी उदास होकर न बैठने की बजाय जीवन का आनंद लो और उस बीमारी को चुनौती दो ।
- अगर आप अपने दुश्मन के साथ शांति बनाना चाहते हैं, तो आपको अपने दुश्मन के साथ काम करना होगा ।
- पानी में उबाल शुरू होने पर उसे बंद करना मूर्खता है।